स्मार्ट शहर लखनऊ में जहरीला पानी पीने को मजबूर 500 परिवार, सभी 500 परिवारों पर डायरिया का संकट, सैंपल लेने पहुंची टीम पर लोगों ने निकाला गुस्सा।

जल निगम है समस्या की जड़ : सोमवार दोपहर 12 बजे के बाद यहां हर घंटे कोई बच्चा भर्ती हो रहा है। अस्पताल का पूरा वॉर्ड मरीजों से भरा है

स्मार्ट शहर लखनऊ में जहरीला पानी पीने को मजबूर 500 परिवार, सभी 500 परिवारों पर डायरिया का संकट, सैंपल लेने पहुंची टीम पर लोगों ने निकाला गुस्सा।
सोमवार को गंदा पानी पीने से दो मासूमों की मौत हो गई तो वहीं सौ से ज्यादा बीमार हैं। सब ओर मातम सा पसरा हुआ है।

लखनऊ : सोमवार को गंदा पानी पीने से दो मासूमों की मौत हो गई तो वहीं सौ से ज्यादा बीमार हैं। सब ओर मातम सा पसरा हुआ है। महिलाओं का रो-रोकर हाल बुरा है। आवाम की आंखों में गुस्सा है। गुस्सा इस कदर है कि कभी भी किसी पर भी फट सकता है। इसके पीछे की वजह है गंदा पानी ।

युवाओं की नाराजगी का आलम यह था कि जलकल के कर्मचारियों को घेर लिया। उनको सैंपल देने से मना कर दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 25 से ज्यादा लोग बीमार होकर सिविल अस्पताल में भर्ती हैं और वहीं 100 से ज्यादा लोगों का घर पर इलाज चल रहा है। कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि यहां पानी की समस्या दो साल से है, इसको लेकर कई बार शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन सुनवाई नहीं और आज इलाके के 500 परिवार डायरिया, उल्टी, दस्त जैसी बीमारियों की चपेट में आने वाले हैं।

जल निगम है समस्या की जड़ : यहां पिछले तीन दशक से रह रहे आरके भारती ने बताया कि अभी जलकल से कोई पहल नहीं की गई है। यहां अभी तक जल निगम के लोग नहीं आए हैं। सबसे बड़ी समस्या उनकी वजह से है। सीवर लाइन डालने का काम किया जा रहा है। 20 दिन पहले सड़क खोद दी गई , उसकी वजह से ही यह समस्या बढ़ गई है। यहां सीवर लाइन का काम बारिश में दिनों में खोदने पर भी लोगों ने सवाल खड़ा किया। इस मौसम में सीवर लाइन का काम करने से सड़क भी खराब हो गई। जहां लोग रोज गिरकर घायल होते हैं।

मोहल्ले का पानी पीकर दिखाईये : नाराज युवाओं ने जलकल की टीम को घेर लिया। एक युवक ने वहां आई टीम से कहा कि आप लोग साथ चलिए और जो सप्लाई का पानी आ रहा उसको पीकर दिखाइए। उसके बाद पता चलेगा। उन लोगों ने कर्मचारियों को वहां से जाने के लिए कहा। हालांकि कुछ ही देर के अंदर उन लोगों ने बताया कि वह लोग जलकल से और पानी का सैंपल लेने आए हैं। जलकल के एक कर्मचारी ने कहा कि वह हमेशा पानी का सैंपल लेने आते हैं तो उसको भी स्थानीय लोगों ने गलत करार दिया। उसने बताया कि प्रतिदिन पानी में क्लोरिन मिलाया जाता है लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि टीम पहली बार आई है। यह लोग झूठ बोल रहे हैं।

बेटी के इलाज की वजह से काम पर नहीं गए : स्थानीय निवासी रिंकू ने बताया कि वह निजी काम करते हैं। लेकिन उनकी 18 महीने की बेटी तान्या की तबियत खराब है। इसकी वजह से वह काम पर नहीं जा सके। उन्होंने बताया कि पड़ोसी के यहां तीन लोग बीमार हैं। लोग अस्पताल में भर्ती हैं, अब उनके यहां का भी काम उनको ही देखना होगा।

अस्पताल का पूरा वॉर्ड मरीजों से भरा : गंदे पानी से जो बच्चे बीमार हैं उनको सेकेंड फ्लोर पर भर्ती कराया गया। वहां पहुंचने के बाद बीमार आदित्य (3) मिला। उसकी मां मीरा ने बताया कि कल दोपहर 12 से 2 के बीच करीब 10 उल्टी हुई। उसके बाद अस्पताल लेकर आए हैं। रात तक इमरजेंसी में रखा गया था उसके बाद फिर बच्चों के जनरल वॉर्ड में शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि तीसरी मंजिल पर भी काफी परिवार है। वहां जाने के बाद पता चला कि करीब 20 से ज्यादा लोग अपने बच्चों का इलाज करा रहे। सोमवार दोपहर 12 बजे के बाद यहां हर घंटे कोई बच्चा भर्ती हो रहा है।