जागरूकता के अभाव में एनीमिया की शिकार हो रही हैं महिलाएँ

राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, महिलाओ के लिए एनीमिया जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ हिमांगी दुबे, सीनियर कंसलटेंट , अजंता हॉस्पिटल ने महिलाओ को एनीमिया के कारण, लक्षण एवं उससे बचाव के बारे में किया जागरूक

जागरूकता के अभाव में एनीमिया की शिकार हो रही हैं महिलाएँ
महिलाओ के लिए जागरूकता अभियान

लखनऊ। भारत विकास परिषद, महिला एवं बाल विकास प्रकल्प, कृष्णा नगर शाखा द्वारा, राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, महिलाओ के लिए एनीमिया जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य एनीमिया के बारे में जागरूकता पैदा करना था।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ हिमांगी दुबे, सीनियर कंसलटेंट , अजंता हॉस्पिटल ने महिलाओ को एनीमिया के कारण, लक्षण एवं उससे बचाव के बारे में जागरूक करने हेतु कहा कि एनीमिया एक गंभीर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जो विशेष रूप से छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है| एनीमिया पोषण संबंधी कमियों, विशेष रूप से आयरन की कमी के कारण होता है, और इसका इलाज आहार में बदलाव और पूरक आहार से किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि एनीमिया बीमारी का शुरुआती लक्षण थकान, कमज़ोरी, त्वचा का पीलापन दिल की धड़कन में बदलाव, सांस लेने में तकलीफ़, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द आदि है, ऐसे लक्षण दिखते ही चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए| साथ ही अधिकांश घरों में उपलब्ध खाद्य पदार्थों से अपेक्षित पोषण कैसे प्राप्त कर सकते है इस बारे में विस्तार से चर्चा की। जहां उन्होंने यह भी बोला की एनीमिया होने की मुख्य वजह शरीर में हीमोग्लोबिन का कम उत्पादन है। हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स का हिस्सा है, जो शरीर में आक्सीजन का संचार करता है। खान-पान में पोषक तत्वों का प्रयोग में अधिकांश महिलाएं लापरवाही करती हैं। इस वजह से एनीमिया की शिकार हो जाती हैं।उपचार और जागरूकता से महिलाओं को एनीमिया से उबरने में मदद मिलती हैl

कार्यक्रम का आयोजन भारत विकास परिषद, कृष्णानगर शाखा की महिला संयोजिका कीर्ति तिवारी द्वारा किया गया| कार्यक्रम में 50 से अधिक महिलाओं ने प्रतिभाग किया।